Dude Movie: क्या प्रदीप की जादू की छड़ी इस बार चली?
Pradeep Ranganathan Dude Movie Review
परिचय
फिल्म का निर्देशन Keerthiswaran ने किया है, शीर्ष भूमिका निभा रहे हैं Pradeep Ranganathan और उनकी हीरोइन हैं Mamitha Baiju. फिल्म दीवाली के मौके पर रिलीज़ हुई है और इसे एक हल्के‑फुल्के एंटरटेनर के साथ सामाजिक संदेश का मिश्रण कहा जा रहा है। Cinema Express+2India Today+2
प्रदीप खुद इस फिल्म के बारे में कहते हैं कि यह “साधारण‑सी दीवाली फिल्म” है लेकिन इसमें “मजबूत सामाजिक संदेश” भी है। Cinema Express
कहानी का सार
फिल्म की कहानी लगभग इस तरह है — आगा (प्रदीप) और कूरल (ममिता) के बीच एक युवा‑प्रेम कथा है, जिसमें दोनों को यह समझ नहीं आता कि प्यार माने क्या होता है। आगा कुछ उलझन में है, कूरल कुछ हिचकिचा रही है। इसके बाद आगा अपने मामा अथियमान (R. Sarathkumar) से मिलती है और एक निर्णय लेता है, जिसके बाद फिल्म में हास्य, ट्विस्ट और सामाजिक संघर्ष का तड़का आता है। India Today+1
फिल्म का पहला भाग काफी फुर्तीला है — शादी‑वाली सीन, गलती‑गलती हलके मज़ाक, आगा का टोना‑टिप्पणी वाला अंदाज — देखने में मजेदार है। India Today+1
लेकिन जैसे‑जैसे कहानी आगे बढ़ती है, चीजें थोड़ी उलझ जाती हैं — संवाद‑संबंध, ढांचा, किरदारों की गहराई तलाशने में फिल्म थोड़ा पीछे छूटती है। The Week+1
क्या काम करता है?
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प्रदीप‑ममिता की केमिस्ट्री: दोनों के बीच संवाद‑मुकालात बढ़िया हैं, हल्के‑फुल्के पलों में हास्य मिलता है। इंडिया टुडे की समीक्षा में कहा गया है: “जब फिल्म खुद को जानती है, तब सबसे मज़ा देती है।” India Today
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सरथकुमार का प्रदर्शन: विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि सरथकुमार का किरदार फिल्म को ऊँचाई देता है, विशेषकर पहले हिस्से में। The Federal+1
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युवाओं‑का मूड, हल्की‑फुलकी एंट्रेनमेंट: पहला भाग काफी ताज़ा महसूस होता है — हल्के चुटकुले, रंग‑बिरंगा फील, और क्रेजी सीन। India Today
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सामाजिक संदेश की ओर झुकाव: फिल्म सिर्फ इंट्रीटेनमेंट नहीं, बल्कि ‘औरतों के अधिकार’, ‘सबको प्यार करने का हक’, ‘रिवाज़‑विरुद्ध सोच’ जैसे टॉपिक्स को भी हल्के रूप में छूती है। India Today+1
क्या काम नहीं करता है?
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दूसरा हिस्सा कमजोर रहता है: अधिकांश समीक्षकों का कहना है कि फिल्म का पहला हाफ बहुत बेहतर है, लेकिन दूसरा हाफाल तो गति खो देता है, किरदारों की दिशा धुंधली होती है। The Indian Express+1
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स्क्रीनप्ले‑लॉजिक की खामियाँ: कुछ सीन, संवाद या फैसले ‘लॉजिकलेस’ या ‘कुछ ज़्यादा ही सॉइल्ड’ लगते हैं। उदाहरण के लिए संवाद‑चयन, पात्रों का व्यवहार कुछ‑कुछ कम मज़बूत महसूस होता है। The Week+1
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कुछ रख‑रखाव में धुंधलापन: जैसे कि सपोर्टिंग किरदारों का विकास नहीं हुआ है, उप‑कथाएँ अधूरी सी रह जाती हैं। The Indian Express
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टोनल शिफ्ट और संदेश‑एंटरटेनमेंट बैलेंस: फिल्म का जब भाग सामाजिक संदेश की दिशा लेता है, वहाँ एंटरटेनमेंट लेवल गिरता नजर आता है। इंडिया टुडे ने लिखा है: “जब फिल्म खुद‑शुदा होती है, सबसे मज़ा देती है – लेकिन जब संदेश मोड में जाती है, मज़ा कम हो जाता है।” India Today
तकनीकी पक्ष
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दृश्यांकन और सज़ावट: फोटोग्राफी, रंग‑थेमा, फ्रेमिंग अच्छे हैं — फिल्म में उत्सव‑माहौल का स्पर्श है। India Today
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संगीत‑बैकग्राउंड: संगीत (Sai Abhyankkar) ठीक‑ठाक है, कुछ गाने आनंददायक हैं, लेकिन बैकग्राउंड स्कोर की पुनरावृत्ति देखने को मिली है (“ओरूम ब्लड…” जैसे थीम बार‑बार आया)। India Today
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अवधि: करीब 2 घंटे 20 मिनट का रन‑टाइम है, जिससे कुछ हिस्से खिंचे हुए महसूस होते हैं। India Today
निष्कर्ष – मेरी राय
अगर आप मुझसे पूछें – तो “Dude” एक ऐसा मनोरंजन‑पैक्ड फिल्म है जिसे आप एक बार देख सकते हैं, खासकर अगर आप प्रफुल्लित और हल्के मूड में हैं।
उसका पहला हाफ काफी अच्छा है — आपको हँसी आएगी, पात्रों से जुड़ाव होगा और फिल्म के रंग‑रूप में मज़ा होगा। लेकिन दूसरी ओर—अगर आप बोझिल कहानी, गहरी भावनाएँ, बेहद मजबूत स्क्रीनप्ले की उम्मीद लेकर जाएँ, तो शायद थोड़ी निराशा होगी।
उजले पक्ष: प्रदर्शन, फ्रेश ट्रीटमेंट, सामाजिक संदेश का प्रयास।
कमजोर पक्ष: दूसरी छमाही में गति‑घाटा, कुछ कमजोर लिखावट, तार्किक छिद्र।
तो कुल मिलाकर:
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यदि आप सिर्फ़ हल्की‑फुल्की फिल्म देखना चाहते हैं और “मज़े करना है तो कोई गहराई नहीं” वाला मूड है — तो हाँ, “Dude” आपके लिए काम करेगी।
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यदि आप गहराई, क्रियावली, आश्चर्य‑पल और बेहतरीन कहानी चाहते हैं — तो शायद “Dude” में पूरी संतुष्टि नहीं मिलेगी।
मेरी रेटिंग ऐसी होगी: 3/5 — इतना कह सकता हूँ कि यह औसत से थोड़ा ऊपर, लेकिन “श्रेष्ठ” की श्रेणी में नहीं।
अगर चाहें, तो मैं इस फिल्म के टीम‑बिहाइंड‑द‑सीनस, सामाजिक मुद्दों पर कितना असर हुआ, और पिछली प्रदीप‑फिल्मों (जैसे Love Today, Dragon) से तुलना** भी कर सकता हूँ — क्या करेंगे

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